सांसदी खो चुके राहुल गांधी अडानी मुद्दे पर लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने शनिवार को एक वर्ड प्ले पजल की तस्वीर ट्वीट की. जिसके जरिए राहुल ने अडानी को लेकर गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंता बिस्व सरमा और अनिल एंटनी पर निशाना साधा. अब इसको लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है.
हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, “यह हमारी शालीनता थी कि हमने आपसे कभी नहीं पूछा कि आपने बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों की कमाई को कहां छुपाया है. और आपने कैसे कई बार ओतावियो क्वात्रोची को भारतीय कानून के शिकंजे से बचने दिया. अब हम कोर्ट में ही मिलेंगे.”
राहुल गांधी ने किया ट्वीट
राहुल के Word Puzzle में ‘गुलाम, सिंधिया, हिमंता’ का जिक्र
बता दें कि ओतावियो क्वात्रोची इटली के जाने माने बिजनेसमैन थे. जिन पर राजीव गांधी सरकार के दौरान हुए बोफोर्स घाटाले में दलाली के जरिए घूस लेने के आरोप लगे थे. यूपीए सरकार के दौरान साल 2009 के शुरुआत तक भारत को आपराधिक मामलों में उनकी तलाश थी, लेकिन 28 अप्रैल 2009 को सीबीआई ने क्वोत्रोची को क्लीनचिट देते हुए इंटरपोल से उस पर जारी रेडकॉर्नर नोटिस को हटा लेने की अपील की. सीबीआई की अपील पर इंटरपोल ने क्वात्रोची पर से रेडकॉर्नर हटा लिया गया. विपक्ष ने क्वोत्रोची को क्लीनचिट देने के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था. 13 जुलाई 2013 को 74 साल की उम्र में ओत्तावियो क्वात्रोकी की स्ट्रोक की वजह से मिलान, इटली में मृत्यु हो गई थी.
राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वर्ड प्ले पजल ट्वीट किया, उसमें अक्षरों से अडानी के अवाला कई अन्य नाम भी लिखे थे. जिनमें गुलाम नबी आजाद, सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंता बिस्व सरमा और अनिल एंटनी के नाम शामिल दिखे. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं. सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं?’
अनिल एंटनी ने भी किया पलटवार
राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद हाल में BJP में शामिल हुए अनिल एंटनी ने उन पर पलटवार किया. अनिल एंटनी ने इस तरह के ट्वीट करने पर राहुल गांधी की आलोचना की और लिखा, “एक राष्ट्रीय पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेस के तथाकथित पीएम उम्मीदवार को देखकर दुख होता है कि वह एक ऑनलाइन/सोशल मीडिया सेल ट्रोल की तरह बोले, न कि एक राष्ट्रीय नेता की तरह. राष्ट्र निर्माण के काम में दशकों तक योगदान देने वाले इन बड़े दिग्गजों के साथ अपना नाम देखकर बहुत खुशी हुई, और उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी क्योंकि वे भारत और हमारे लोगों के लिए काम करना पसंद करते हैं, न कि एक परिवार के लिए.”
23 मार्च को सूरत कोर्ट ने राहुल को सुनाई थी सजा
बता दें कि राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उन्हें मोदी सरनेम मामले में दोषी करार दिया था और दो साल की सजा सुनाई थी. इसके अगले ही दिन उनकी सांसदी रद्द कर दी गई थी. दरअसल, राहुल ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में चुनावी रैली में मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी की थी. इसको लेकर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था.