राज्य के पर्वतीय जिलों के युवा होम स्टे योजना से जुड़कर पर्वतीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों और ट्रैकरों को बेहतरीन सुविधा दे रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले में 608 लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में बदलने के लिए पंजीकृत किया है। इसमें सबसे ज्यादा 423 आवेदक धारचूला विकासखंड लोग शामिल हैं।
पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से स्थानीय लोगों की आय भी बढ़ रही है। सीमांत के लोग टूरिस्ट गाइड बनकर पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के दीदार करा रहे हैं। पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालकों को भी रोजगार मिल रहा है। चीन सीमा तक सड़क पहुंचने के बाद चीन सीमा से सटे गांव इन दिनों गुलजार हैं।
राज्य सरकार ने पहाड़ी जिलों से लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए होम स्टे योजना शुरू की थी। इसके सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। सीमांत के लोग होम स्टे योजना से जुड़कर अपने घरों में देश-विदेश के पर्यटकों के लिए ग्रामीण परिवेश में किफायती दरों पर आवास सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें स्थानीय व्यंजनों, अपनी सभ्यता, संस्कृति से भी जोड़ रहे हैं जिसको पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं।
वर्ष 2018-19 में प्रदेश के जिलों में 965 होम स्टे पंजीकृत थे। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार अब यह आंकड़ा बढ़कर 3964 पहुंच गया है। पर्वतीय जिलों में यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
नंदा देवी बेस कैंप, पंचाचूली बेस कैंप बना ट्रैकरों की पसंद
इन दिनों नंदा देवी बेस कैंप, पंचाचूली बेस कैंप ट्रैकरों की पहली पसंद बना हुआ है। ट्रैकर इन स्थानों में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। ओम पर्वत, कालापानी मंदिर, गुंजी, आदि कैलाश, पार्वती कुंड, नाभी गांव पहुंच रहे हैं। सड़क कनेक्टिविटी के बाद पर्यटकों को यहां का सौंदर्य अपनी ओर खींच रहा है।
पिथौरागढ़ के डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होम स्टे बनने के बाद ट्रैकरों और पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं मिल रहीं हैं। अभी कई नये लोगों को भी होम स्टे योजना से जोड़ा जा रहा है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटक गतिविधियां बढ़ाने के लिए पूर्व में शिव महोत्सव और माउंटेन हिल बाइकिंग रैली का आयोजन किया। इससे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां बढ़ी हैं। इनरलाइन परमिट के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। इस कारण पर्यटकों को परमिट के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं।