चीन सीमा के गुंजी 10500 फिट की ऊँचाई में सेना(पँचसुल ब्रिगेड) के डॉक्टर ने पर्यटक की बचाई जान
नीरज मेहता
धारचूला(पिथौरागढ़)
राजस्थान निवासी पर्यटक रामदयाल माली अपने दो साथियों के साथ आदि कैलाश यात्रा के लिए आये थे। शुक्रवार को ज्योलीकांग 14500 फिट की ऊँचाई में ऑक्सीजन लेबल कम होने पर अचानक रामदयाल माली उम्र 63 की तबियत खराब हो जाने पर उनके साथियों द्वारा सूचना मिलने पर ज्योलीकांग में तैनात पँचसुल ब्रिगेड के डॉ मेजर नीतू ने मरीज का चेकअप किया और सेना के वाहन द्वारा शाम तक मरीज को गुंजी(10500फिट) लाया गया। गुंजी में डॉ मेजर आकाश राज ने इलाज कर मरीज को ऑक्सीजन दिया गया।जिससे मरीज को कुछ राहत मिली। उसके बाद शनिवार को बीमार पर्यटक और अन्य दो साथी को सेना ने अपने एम्बुलेंस मे सड़क मार्ग से धारचूला के सेना के अस्पताल तक पहुँचाया गया।
धारचूला में सेना के अस्पताल में उचित इलाज मिलने बीमार पर्यटक अब खतरे से बाहर होने पर उनके साथियों ने राहत की सांस ली। और सेना के डॉक्टर ने उनको उच्च इलाज की सलाह दी।
और तीनों पर्यटकों ने सेना का बहुत बहुत आभार प्रकट किया। और उसके बाद तीनो पर्यटक पिथौरागढ़ को रवाना हो गए है।
गुंजी की सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल और कुटी निवासी प्रेमा कुटियाल ने सेना का आभार प्रकट करते हुए कहा कि व्यास घाटी के दुर्गम इलाकों में हमेशा ही सेना सीमा की सुरक्षा के साथ साथ सीमान्त वासियो को कभी भी कोई मेडिकल इमरजेंसी होने पर सेना,आईटीबीपी और एसएसबी बढ़चढ़ कर सहयोग करती आ रही है। दोनों ने बताया कि व्यास घाटी और दारमा घाटी में सड़क से जुड़ जाने के बाद भी सरकार माइग्रेशन के 6 महीने के समय के दौरान अब तक कोई भी डॉक्टरों की नियुक्ति नही कर सकी। जो काफी चिंताजनक है। दोनों ने नाराजगी जताते हुए। सरकार और प्रशासन से स्वास्थ्य सुविधाये बढ़ाने की मांग की।