Wednesday, September 27, 2023
  • Login
Pithoragarh Samachaar
  • मुख्य पृष्ठ
  • पिथौरागढ़
  • उत्तराखण्ड
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • अपराध
  • पर्यटन
  • संस्कृति
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • मनोरंजन
No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • पिथौरागढ़
  • उत्तराखण्ड
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • अपराध
  • पर्यटन
  • संस्कृति
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • मनोरंजन
No Result
View All Result
Pithoragarh Samachaar
No Result
View All Result
Home अन्य

बड़ी खबरः उत्तराखण्ड के हित में पत्रकार मेहता ने दिए सुझाव! शासन स्तर से विभागों को जारी हुए पत्र, पढ़ें वो पांच सुझाव जिन्होंने सीएम धामी का ध्यान किया आकर्षित

News Desk by News Desk
March 16, 2023
in अन्य, उत्तराखण्ड, जनहित, पर्यटन, राष्ट्रीय, शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य
बड़ी खबरः उत्तराखण्ड के हित में पत्रकार मेहता ने दिए सुझाव! शासन स्तर से विभागों को जारी हुए पत्र, पढ़ें वो पांच सुझाव जिन्होंने सीएम धामी का ध्यान किया आकर्षित
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार सुनील मेहता द्वारा जनहित में दिए सुझावों पर संज्ञान लिया है। पत्रकार मेहता द्वारा दिए गए पांच सुझावों को लेकर शासन स्तर से विभागों को पत्र जारी किए गए हैं। इस मामले में अनु. सचिव जेपी बेरी ने प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य/विद्यालयी शिक्षा/चिकित्सा शिक्षा/ पर्यटन एवं धर्मस्व विभाग को पत्र जारी करते हुए समस्याओं के निराकरण हेतु नियुमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर संबंधित पक्ष एवं मुख्यमंत्री कार्यालय जन आकांक्षा अनुभाग को प्राथमिकता के आधार पर अवगत कराने को कहा है।

गौरतलब है कि विगत 1 फरवरी 2023 को ग्रीन एशिया मीडिया हाउस के प्रबंध संपादक और वरिष्ठ पत्रकार सुनील मेहता ने सीएम धामी को एक पत्र सौंपा था। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार मेहता द्वारा उत्तराखण्ड से जुड़े पांच महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपनी राय रखी थी। पत्र में वरिष्ठ पत्रकार मेहता द्वारा कहा गया कि पांच निर्णय जो उत्तराखण्ड का भविष्य निर्धारित कर सकते हैं। जिसमें पहला- उत्तराखण्ड के प्रत्येक गांव में सड़क पहुंचना, दूसरा- उत्तराखण्ड के प्रत्येक गांव में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, तीसरा- नैतिक शिक्षा के साथ कानून, अपराध और सजा की शिक्षा का विषय अनिवार्य करना, चौथा- उत्तराखण्ड के पहाड़ी सीमावर्ती क्षेत्रों में रोजगार सृजित करना, पांचवा- चारधाम से संबंधित पर्यटन और रोजगार सृजित करना था। 

वरिष्ठ पत्रकार मेहता द्वारा दिए गए पांच महत्वपूर्ण सुझावों की गंभीरता को देखते हुए सीएम धामी ने पत्र पर संज्ञान लिया है और एक माह के भीतर ही इस मामले में संबंधित विभागों को पत्र जारी किया गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संबंधित विभागों द्वारा इस मामले में कितनी तेजी से कार्य किया जाता है।

इधर एक माह के भीतर जनहित से जुड़े मुद्दों का संज्ञान लेने पर वरिष्ठ पत्रकार सुनील मेहता ने सीएम धामी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग इन मुद्दों पर गंभीरता से मंथन करते हुए कार्यवाही अमल में लाए तो इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। वरिष्ठ पत्रकार मेहता ने बताया कि उन्होंने विगत माह राजधानी दून में सीएम धामी से मुलाकात की थी, तब पत्रकारिता से इतर तमाम मुद्दों पर मंथन हुआ था। जिसका संज्ञान अब शासन स्तर पर लिया गया है।

जानें क्या है वो अहम पांच बिंदु…..

1. उत्तराखंड के प्रत्येक गाँव में सड़क पहुंचाना जरूरी है । उत्तराखंड में लगभग 15745 गाँव है जिसमें से लगभग 2500 गांवों में आज भी सड़के नहीं है। उत्तराखंड के सभी गांवों में मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान सड़क पहुँच जाती है तो यह एक एतिहासिक कदम होगा जिससे उत्तराखंड का विकास भी होगा और इसका पूरा श्रेय सरकार को जाएगा और यह निर्णय भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा ।

2. उत्तराखंड के प्रत्येक गाँव में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना जरूरी है। उत्तराखंड के सभी गांवों में जब तक सड़के पहुंचेगी तब तक सभी गावों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना जरूरी है जिसमें मरीज़ को कम से कम प्राथमिक चिकित्सा और गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित प्रसव आदि की व्यवस्था हो । वर्तमान में उत्तराखंड के अधिकतम अस्पताल जिनमें सीएचसी पीएचसी जिला अस्पताल आदि चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे है जिस वजह से खासकर पर्वतीय क्षेत्र की आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और जान माल की भी हानि हो रही है। स्वास्थ्य के प्रति सरकार की उदासीनता प्रतिकूल प्रभाव पैदा करती है। इस कमी को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाये तो सरकार की एक सकारात्मक छवि का निर्माण हो सकता है। तेरह जिलों में तेरह मिनी मेडिकल कॉलेज भी खोले जा सकते है। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज है उन्हें छोड़कर बाकी जिलों में मिनी मेडिकल कॉलेज खोले जा सकते है जहां सीमित सीट और बेड के साथ केवल एमबीबीएस ही कराया जा सकता है इससे मेडिकल कॉलेज में न्यूनतम शुल्क के साथ नए चिकित्सक पैदा किए जा सकते है जो आने वाले समय में उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएँ दे सकते है जिससे उत्तराखंड एक मेडिकल हब के तौर पर पहचान बना सकता है। सरकार चाहे तो दूरस्थ जिलों के सरकारी अस्पतालों को भी मिनी मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित कर सकती है जिससे कम से कम जिला स्तर में स्थानीय लोगों का इलाज़ तो संभव हो पाएगा। और हो सके तो जिला स्तर राज्य स्तर के निवासियों का इलाज सरकारी मदद से हो ताकि सरकार की एक अच्छी छवि बनकर उभर सकें।

3. नैतिक शिक्षा के साथ कानून, अपराध और सजा की शिक्षा का विषय भी जरूरी है। उत्तराखंड में नैतिक शिक्षा के साथ कानून, गुनाह और सजा की जानकारी का एक विषय बनाकर शिक्षा में जोड़ दिया जाना चाहिए इससे खासकर बच्चों में क्राइम का ग्राफ़ कम होगा। कई बार बच्चे ही संगीन गुनाह कर देते है लेकिन उन्हें नहीं पता होता कि गुनाह क्या है और किस प्रकृति का है। अगर विध्यार्थियों की उम्र के अनुरूप पाठ्यक्रम बनाया जाये तो विध्यार्थी आसानी से नैतिक शिक्षा के साथ कानून, गुनाह और सजा की जानकारी भी पा सकते है। इस विषय के जुड़ने से उत्तराखंड के सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूलों में एलएलबी किए हुए बेरोजगारों की नियुक्ति की जा सकती है । उत्तराखंड देश का पहला राज्य जो इस शिक्षा नीति को लागू करेगा जिससे उत्तराखंड पूरे देश में मॉडल राज्य के तौर पर जाना जाएगा।

4. उत्तराखंड के पहाड़ी सीमावर्ती क्षेत्रों में भी रोजगार सृजित किया जा सकता है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कई तरह के फल और जड़ी बूटियाँ उगाई जा रही है और कई जगह सही मार्केट न मिल पाने की वजह से बर्बाद भी हो रही है और अधिकतर पहाड़ी क्षेत्र में फसल नहीं उगाई जा रही है जिससे खेत बंजर हो रहे है। पहाड़ों पर रोजगार संसाधन आदि की कमी से लगातार पलायन हो रहा है। सरकार चाहे तो हिमालय और पहाड़ी दूरस्थ क्षेत्रों में हर्बल, आयुर्वेदिक और आर्गेनिक उत्पादन करवा सकती है साथ ही प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा सकते है। और उत्तराखंड का ब्रांड स्थापित हो सकता है। किसानों से अनुबंध कर उनकी ही जमीन पर उत्पाद पैदा किए जा सकते है । इस प्रक्रिया के लिए अच्छे वेतनमान पर आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट से एमबीए आदि किए हुए उच्च अनुभव वाले कर्मचारी नियुक्त किए जा सकते है और पूरा कॉर्पोरेट कल्चर अपना कर एक पारदर्शी सिस्टम बनाया जा सकता है। इससे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के किसानों को उनके उत्पादों का सही दाम मिलेगा स्थानियों को रोजगार मिलेगा जिससे पहाड़ से पलायन भी रुकेगा, पहाड़ के छोटे छोटे किसानों को सरकार द्वारा उनकी जमीन लीज पर लेने से उन्हे आय प्राप्त होगी

5. चार धाम से संबन्धित पर्यटन और रोजगार सृजित किए जा सकते है। चार धाम यात्रा को केवल धार्मिक यात्रा बनाने की बजाय इसे एको टूरिज्म से भी जोड़ना चाहिए सरकार को चाहिए चार धाम मार्ग से सटे हुए क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं का भी विकास करे और इसे प्रचारित प्रसारित भी करें ताकि अन्य स्थानों से आए लोग उत्तराखंड में ज्यादा दिनों तक ठहर सकें और चार धाम के साथ साथ पर्यटन का भी आनंद ले सकें। इससे उत्तराखण्ड आने का आकर्षण बड़ेगा और पर्यटन मद में राजस्व बढ़ेगा रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, उत्तराखंड का चहुमुखी विकास होगा। सरकार चार धाम मार्ग से लगे गावों में सामुदायिक पर्यटन या ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकती है इसके लिए गावों में होम स्टे सुविधाएं विकसित करने के लिए युवाओं को लोन दिये जाए और माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संदेश को ध्यान में रखकर उत्तराखंड के गावों को और गावों के ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाए, युवा और ग्रामीण न केवल अच्छे मेजबान साबित होंगे बल्कि अच्छे पर्यटक गाइड भी साबित होंगे। चारधाम यात्रा मार्ग में उचित स्थानों का चिन्हिकरण करके छोटे छोटे हाट बनाए जाए जिससे आस पास के लोग कुटीर उद्योग से बनाए गए उत्पादों का विक्रय कर सकें, इन हाटों पर ऐसे छोटे छोटे विश्राम गृह भी बनाए जा सकते है जहां पर्यटक विश्राम कर स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सके। चार धाम यात्रा मार्ग से सटे इलाकों में कुछ किलोमीटर के दायरे में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छोटी छोटी बस्तियाँ भी बनाई जा सकती है ताकि बेघर हुए गरीबों को घर मिल सके और वो चार धाम मार्ग के किनारे रेस्तरा विश्रामग्रह हार आदि में कार्य कर आजीविका का सर्जन कर सकते है। इन बस्तियों में बिजली पहुंचाना भी कठिन कार्य नहीं होगा क्योंकि पूरा चार धाम मार्ग विद्युत प्रकाश से जुड़ा होगा। इन सुविधाओं का विकास करते समय स्कूल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि के विकास को भी ध्यान में रखा जाए ताकि समस्त समुदाय की आवश्यकताओं की पूर्ति निकट के स्थानों से हो सकें।

यह भी पढ़ें 👉

पिथौरागढ में दो सितंबर को आई आपदा ने छीन लिया 25 परिवारों का आशियाना! टेंट में बिता रहे रात

देश के श्रेष्ठ पर्यटन गांव में पिथौरागढ़ के सरमोली का चयन! 27 सितंबर को होगी आधिकारिक घोषणा

मोस्टा देवता की जय के उद्घोष से गूंजा मोस्टामानू

Tags: chardham yatraChief Minister Pushkar Singh DhamiCM DhamiDehradunGovernment of Uttarakhandissues related to public interestPM ModiPrime Minister Narendra ModiUttarakhanduttarakhand big breakingUttarakhand health facilities
ShareSendTweet
Previous Post

पिथौरागढ़ः डीआरडीओ में गार्ड के पद पर कार्यरत कर्मी की संदिग्ध मौत! पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव

Next Post

भारतीय टैक्सी वाहनों को नेपाल में प्रवेश नहीं दिए जाने से गुस्साए भारतीय टैक्सी संचालक, महेंद्रनगर-दिल्ली मैत्री बस भारत में घुसने से रोका

Next Post
भारतीय टैक्सी वाहनों को नेपाल में प्रवेश नहीं दिए जाने से गुस्साए भारतीय टैक्सी संचालक, महेंद्रनगर-दिल्ली मैत्री बस भारत में घुसने से रोका

भारतीय टैक्सी वाहनों को नेपाल में प्रवेश नहीं दिए जाने से गुस्साए भारतीय टैक्सी संचालक, महेंद्रनगर-दिल्ली मैत्री बस भारत में घुसने से रोका

Recent Posts

  • पिथौरागढ में दो सितंबर को आई आपदा ने छीन लिया 25 परिवारों का आशियाना! टेंट में बिता रहे रात
  • देश के श्रेष्ठ पर्यटन गांव में पिथौरागढ़ के सरमोली का चयन! 27 सितंबर को होगी आधिकारिक घोषणा
  • मोस्टा देवता की जय के उद्घोष से गूंजा मोस्टामानू
  • दर गांव के आपदा पीड़ितों ने विस्थापन को किया प्रदर्शन
  • पिथौरागढ़ से 32 वरिष्ठ नागरिकों का दल बदरीनाथ रवाना

न्यूज़ बॉक्स में खबर खोजे

No Result
View All Result

विषय तालिका

  • 2 out of four laborers of Bihar origin seriously injured
  • अंतराष्ट्रीय
  • अन्य
  • अपराध
  • आपदा
  • उत्तराखण्ड
  • क़ानून
  • खेल
  • जनहित
  • दुर्घटना
  • देश
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पुलिस
  • मनोरंजन
  • मौसम
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • रेलवे
  • रोजगार
  • वायरल
  • विज्ञान
  • विदेश
  • विरोध
  • शिक्षा
  • शोक
  • सड़क
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य

सम्पर्क सूत्र

Narendra Singh
संपादक

पता : Serasonali Borabunga Pithoragah Uttarakhand 262551
दूरभाष : +91-9927369286
ई मेल : editorpithoragarhsamachaar@gmail.com
वेबसाइट: www.pithoragarhsamachaar.com

Privacy Policy  | Terms & Conditions

© 2021 pithoragarhsamachaar.com

  • Login
No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • पिथौरागढ़
  • उत्तराखण्ड
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • अपराध
  • पर्यटन
  • संस्कृति
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • मनोरंजन

© 2021 pithoragarhsamachaar.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In