देहरादून। अशरफ अल्वी हत्याकाण्ड मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार रुपयों के लेनदेन को लेकर अशरफ अल्वी का अपने रूममेट सोहेल से विवाद हुआ था। इसके बाद अशरफ ने सोहेल को किराए के कमरे से बाहर निकाल दिया था, इसी बात से नाराज होकर सोहेल ने अशरफ की हत्या कर दी। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि अशरफ अल्वी ने गुलिस्तान म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड का कार्यालय आजाद कालोनी में खोला हुआ था और यहां उसने सोहेल निवासी धर्मदास नजीबाबाद बिजनौर को अपने साथ रखा हुआ था। दोनों मोहिनी रोड स्थित संजय कालोनी में एक मकान में किराये के कमरे में रहते थे। 29 दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली कि मकान के अंदर एक व्यक्ति का शव बोरे में रखा हुआ है। शव की पहचान अशरफ अल्वी निवासी जाब्तागंज, नजीबाबाद, बिजनौर के रूप में हुई। जबकि सोहेले फरार पाया गया। दोनों के साथ फरहीन भी काम करती थी। फरहीन से पूछताछ में सोहेल के बारे में पुलिस को जानकारी हासिल हुई। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए डालनवाला कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नंद किशोर भट्ट व एसओजी इंचार्ज मुकेश त्यागी की देखरेख में टीमें गठित की गईं। एक टीम एसएसआइ महादेव उनियाल के नेतृत्व में नजीबाबाद स्थित सोहेल के घर भेजी गई, लेकिन वह वहां नहीं मिला। इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि वह अशरफ की स्कूटी से देहरादून चला गया है। इस पर पुलिस ने उसका मोबाइल नंबर ट्रेस करते हुए उसे दून यूनिवर्सिटी रोड पर गीतांजली एन्क्लेव के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सोहेल ने बताया कि अशरफ ने बिजनौर में गुलिस्तान म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड कंपनी खोली थी, लेकिन वहां नुकसान होने के बाद वह भागकर देहरादून आ गया और यहां आजाद कालोनी में आफिस खोल दिया। आरोपित ने बताया कि अशरफ उसे पार्टनर बनाकर देहरादून लेकर आया था। साथ ही उसने 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की बात भी कही थी। दोनों ने मिलकर कंपनी में 200 से अधिक व्यक्तियों के खाते खुलवाए, लेकिन अशरफ ने उसे रुपयों से संबंधी कोई जानकारी नहीं दी।