धारचूला – दारमा घाटी को जोड़ने वाली सड़क तीन माह 20 दिन से बन्द दस दिनों में सड़क नहीं खोलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी।
नीरज मेहता
धारचूला
धारचूला-धारचूला में प्रधान संगठन के अध्यक्ष पूरन ग्वाल ग्वाल के नेतृत्व में आज सीमांत की,दारमा घाटी के जनता के जनप्रतिनिधि ओर दारमा चोदासं के घाटी के प्रधानों ने संयुक्त रूप से तहसील धारचूला में उग्र प्रदर्शन ओर नारेबाजी की। दारमा चौदास की जनता ने दस दिन में सडक मार्ग न खोलने पर धारचूला में बीआरओ के खिलाफ बडा प्रदर्शन करने की बात कही । कहा की 100 दिन से ज्यादा का समय बीत गया है।दारमा चौदास को जोड़ने वाले सड़क बन्द है।
सीमांत में सड़के बंद होने से राशन के साथ ही अन्य चीजों का अभाव हो गया है ।गर्भवती महिलाओं को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है । हैलीकॉप्टर सेवा भी समय में नहीं मिलने से बीमार व्यक्ति जान गवां रहे हे । आज आपदा के तीन महीने बीतने के बाद भी सडक मार्ग न खुलना प्रशासन की बहुत बड़ी लापरवाही है। सीमांत की सड़क खोलने की जिम्मेदारी बीआरओ सी पी डब्ल्यू डी को दी गई है लेकिन विभागो के सड़क खोलने में लापवाही बरती जा रही है ।
ज़िलाधिकारी डाॅ आशीष चौहान के लगातार दबाव के बाद भी हालात खराब है ।जनता अब सड़कों में उतरने को मजबूर हैं । वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य आन सिह रोकाया ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है । धरना-प्रदर्शन में सभी गांवों के प्रधानों के साथ ही स्थानीय जायका टीम व दारमा ,चोदासं घाटी के लोगों ने तहसील के प्रांगण में प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी ।