मां नंदा देवी महोत्सव समाप्त होने को है। बुधवार को मां का डोला नगर भ्रमण के बाद नैनीझील में विसर्जित कर दिया गया। इधर महोत्सव के दौरान आयोजित मेला विवादों के पहले ही दिन से घिर गया था। जिस तरह उत्तराखंड सरकार में अपने चहेतों को नौकरी देने का भर्ती घोटाला सामने आया उसी तरह नगर पालिका प्रशासन पर ऐसे ही आरोप लग रहे है। सभासदों ने पालिका पर झूलों के ठेकेदार के लिए ज़्यादा ही मेहरबानी दिखाने का आरोप लगाया है और कहा है कि एसडीएम के आदेशों की खुल्लमखुल्ला पालिका और ठेकेदार द्वारा अवहेलना की जा रही है।
एसडीएम द्वारा साफ निर्देशित किया गया था कि मेले में झूलों और मौत के कुँए का संचालन 1 सितंबर से 7सितंबर तक ही किया जाएगा लेकिन पालिका और ठेकेदार की मिलीभगत से झूले और मौत का कुआं 8सितंबर को भी संचालित किया गया। सभासद मनोज जगाती ने पहले भी ठेकेदार पर वीआईपी पास न चलने और झूले के आसमान छूटे रेट से जनता को ठगने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि ठेकेदार और झूला स्वामी नगर पालिका द्वारा बांटे गए वीआईपी पास को कुछ लोगो से लेने को मना कर रहे है और झूलों के रेट भी बढ़ाकर लिए जा रहे है।
वही पालिका के सभासदों ने ये भी आरोप लगाया है कि ठेकेदार से कई पास खरीदने के बावजूद भी झूला स्वामियों ने उनके पास नही चलाये और लंबी लाइन में लगने के बाद वीआईपी पास लेक्ड झूलने गए लोगो से कहा गया कि टिकट लाइये जिससे उनका समय भी खराब हुआ और फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ।
सभासदों ने मामले में जांच की मांग की है,साथ ही ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की मांग भी की है।