पिथौरागढ़. बरसात के दिनों में पहाड़ का सफर काफी चुनौतियों से भरा रहता है. इन दिनों सड़क पर जगह-जगह भूस्खलन के मामले सामने आते हैं. इससे यातायात भी कई दिन के लिए बाधित हो जाता है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बरसात मुसीबत बनकर आती है. बारिश के कारण जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाला घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह जोखिम भरा होता है. यह नेशनल हाइवे ऑल वेदर रोड के प्रोजेक्ट में शामिल है, जहां रोड के चौड़ीकरन के बाद तमाम डेंजर जोन बन गए हैं, जो बरसात में लोगों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं.
घाट-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड में गुरना मंदिर के पास पहाड़ी के गिरने की आशंका बनी हुई है. यहां खतरे को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन यातायात रोक दिया है. यह पहाड़ी किसी भी समय गिर सकती है, जिससे लगातार पत्थर गिर रहे हैं. पिथौरागढ़ को प्रदेश के अन्य जिलों से जोड़ने के लिए यह मुख्य मार्ग है, जिससे यात्रियों को अपना सफर जारी रखने के लिए अब लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इससे उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं.
मौसम विभाग के बारिश के अलर्ट के बाद पिथौरागढ़ में दो दिन जमकर बादल बरसे, जिसका असर यहां घाट-पिथौरागढ़ में देखने को मिला. घाट-पिथौरागढ़ में ऑल वेदर रोड की कटिंग के बाद दिल्ली बैंड नाम की जगह पर डेंजर जोन बन गया है, जो हर साल इस राष्ट्रीय राजमार्ग को निगल जाता है.
पिछले साल की बरसात में भी यहां यातायात एक हफ्ते तक बंद रहा था. बढ़ता डेंजर जोन यहां यात्रियों के लिए जोखिम से भर गया है. पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी (डीएम) डॉ. आशीष चौहान से जब इन डेंजर जोन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि चिह्नित किए गए डेंजर जोन के परमानेंट ट्रीटमेंट के लिए बजट मांगा गया है, जिसके मिलने के बाद ही इस ओर काम किया जाएगा.