नाचनी। जिले में नंदाष्टमी पर्व का भव्य आगाज श्रद्धापूर्वक हुआ। इस दौरान मां नंदा के प्रिय पुष्प ब्रह्माकमल को लाने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था उच्च हिमालय को रवाना हुआ। यह जत्था 18 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर जाकर नंदा कुंड में स्नान, पूजा-अर्चना के बाद ब्रह्माकमल लेकर लौटेगा। नंदा कुंड क्षेत्र से लाए गए सभी ब्रह्माकमल नंदा की मूर्ति पर अर्पित किए जाएंगे। तल्ला जोहार में इस वर्ष डोर, सैणरांथी, बिर्थी और गिरगांव के श्रद्धालु नंदा राजजात यात्रा में रवाना हुए हैं। विगत कई दिनों से शुचिता के साथ आहार व्यवहार करने वाले 75 से अधिक श्रद्धालु डोर ग्राम पंचायत के नंदा के जयकारे के साथ रवाना हुए। पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और ध्वज पताकाओं के साथ देव-डांगरों के नेत्त्व में रवाना श्रद्धालु अति दुर्गम यात्रा करेंगे। दुर्गम चट्टानी मार्ग से बुग्यालों को पार कर नंदा देवी क्षेत्र के हीरामणि ग्लेशियर तक पहुंचेंगे। जहां पर नंदा कुंड में पवित्र स्नान कर पूजा अर्चना के बाद ब्रह्माकमल ढूंढकर वापस लौटेंगे। प्रति तीसरे वर्ष होने वाली इस यात्रा को लेकर ग्रामीणों में गजब का उत्साह बना हुआ है। ब्रह्माकमल लेकर वापसी में नियमों के अनुसार कही पर भी ब्रह्माकमल जमीन पर नहीं रखे जाएंगे। श्रद्धालु सप्तमी को वापस पहुंचेंगे। जिनका ग्रामीण जोरदार स्वागत करेंगे। नंदा देवी मंदिर में पहुंचने के बाद सप्तमी और अष्टमी को पूजा अर्चना होगी और मेला लगेगा। इस वर्ष नंदा कुंड जाने वाले प्रमुख लोगों में मुख्य पुजारी पूरन सिंह मेहरा के नेतृत्व में मदन सिंह राणा, गांव के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह, सीआरसी मडलकिया के समन्वयक गोविंद सिंह राणा, उत्त्तम राणा, भूपेंद्र सिंह राणा, धरम सिंह सहित 75 से अधिक श्रद्धालु शामिल हैं।
Narendra Singh
संपादक