नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आगामी 7 दिसम्बर से शुरू होगा। सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्र ने छह दिसंबर को सभी राजनीतिक दलों की मीटिंग बुलाई है। इस दौरान सत्र के संभावित विधायी कामकाज और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा और इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। उधर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपालों के कथित हस्तक्षेप, जांच एजंसियों के दुरुपयोग, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि हम सत्र में सुचारु रूप से कामकाज सुनिश्चित करना चाहते हैं। इसके बारे में छह दिसंबर को सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के साथ चर्चा होगी और विषय तय किए जाएंगे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरएसपी सहित कई विपक्षी दल सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी के अलावा विपक्षी दलों के शासन वाले तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल जैसे राज्यों में राज्यपाल द्वारा कथित तौर पर कामकाज में हस्तक्षेप करने के विषय को शीतकालीन सत्र में पुरजोर तरीके से उठाने की तैयारी में हैं। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने बताया कि सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर अगले एक-दो दिनों में पार्टी की रणनीति संबंधी बैठक होगी जिसमें विषयों को अंतिम रूप दिया जाएगा।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्षी दलों के शासन वाले तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, केरल, झारखंड जैसे राज्यों में राज्यपाल द्वारा कथित तौर पर कामकाज में हस्तक्षेप करने का विषय एक एक प्रमुख मुद्दा है। कुछ समय पहले महाराष्ट्र में भी हमने देखा था कि क्या हुआ। उन्होंने कहा कि राज्यपालों द्वारा राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करना संविधान एवं संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है और यह मुद्दा सत्र के दौरान उठाया जा सकता है।