लखनऊ। यूपी के कानपुर देहात में सोमवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए लोगों ने प्रशासनिक अमले का जबरदस्त विरोध किया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने झोपड़ी में आग लगाई थी, जिस कारण मां-बेटी की मौत हो गई। वहीं स्थानीय पुलिस कह रही है कि उन दोनों ने खुद आग लगाई थी। फिलहाल पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी। उधर इस मामले में सियासत भी गरमाने लगी है। पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश और जानबूझकर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। आरोपितों में बुलडोजर ऑपरेटर, सबडिविजनल मजिस्ट्रेट और स्टेशन हाउस ऑफिसर भी शामिल हैं। वहीं, विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना जिले के मडौली गांव की है। यहां पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारी एक सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी और अधिकारी सुबह बुलडोजर लेकर वहां पहुंच गए। मृतका के बेटे शिवम दीक्षित ने आरोप लगाया कि जब वे लोग अपने घर में थे तब आग लगा दी गई और मंदिर भी तोड़ दिए। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट पर भी आरोप लगाया कि वे वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। शिवम ने बताया कि वे लोग किसी तरह वहां से निकलने में सफल हुए, लेकिन उनकी मां नहीं बच सकीं। घटना के बाद इलाके में ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनाव है। ग्रामीणों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी। ग्रामीण अनुविभागीय मजिस्ट्रेट ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल सिंह और अन्य के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट या प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
Narendra Singh
संपादक