इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इन दिनों स्कूली किताबों पर बवाल मचा हुआ है। इमरान खान की सरकार पर आरोप लग रहा है कि नए सिलबेस में जिन पाठ्यक्रमों को जोड़ा गया उसमें महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमतर दिखाया गया है। पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इस साल अगस्त में अपना संशोधित सिंगल नेशनल करिकुलम शुरू किया है। इसे शिक्षा प्रणाली में असमानता को समाप्त करने के लिए एक मील का पत्थर, कहते हुए सरकार ने लागू किया था। इस नए करिकुलम में सरकार ने पुरानी किताबों की जगह नई किताबों को भी शामिल किया। इन्हीं पुस्तकों को महिलाओं के खिलाफ बताया जा रहा है। पाकिस्तान के शिक्षा विशेषज्ञों और सामाजिक संस्थाओं से सरकार पर आरोप लगाया है कि इन किताबों के जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही है कि महिलाएं, पुरुषों से कमतर हैं। किताबों के जरिए समाज को एक गलत संदेश दिया जा रहा है। क्लास फाइव की अंग्रेजी की किताब के कवर पर एक पिता और पुत्र को सोफे पर पढ़ते हुए दिखाया गया है, जबकि मां और बेटी, फर्श पर पढ़ती दिख रहीं हैं। मां और बेटी दोनों अपने सिर को हिजाब से ढंके हुए हैं। किताबों के अधिकांश कवर्स में छोटी बच्चियों को भी हिजाब पहने हुए दिखाया गया है। आमतौर पर लड़कियां बड़ी होने पर हिजाब पहनना शुरू करती हैं। इन किताबों में लड़कियों को मुख्य रूप से मां, बेटी, पत्नी और शिक्षक के रूप में दिखाया गया है। इन्हें खेलते हुए नहीं दिखाया गया है। केवल लड़कों को खेलते और व्यायाम करते हुए इसमें देखा जा सकता है।
Narendra Singh
संपादक