उत्तरखंड में चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क छठे दिन भी नहीं खुल सकी। इस कारण व्यास घाटी का संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है। प्रवास और पूजा के लिए मूल गांवों में गए लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण सड़क खोलने में मुश्किल हो रही है।
तवाघाट-लिपुलेख मोटर मार्ग पर मलघाट के पास पहाड़ी दरकने से यातायात ठप पड़ा है। इस स्थान पर अब भी पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। लोगों को ड्रम या फिर तार के सहारे नदी के रास्ते जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। बीआरओ ने सड़क खोलने के लिए मशीनों के साथ ही मजदूर लगाए हैं लेकिन पहाड़ी से पत्थर और मलबा लगातार गिरने से गंभीर खतरा बना हुआ है। सड़क बंद होने से आदि कैलाश यात्रा का 24वां दल दो दिन से डीडीहाट में रुका है। स्थानीय लोग पूजा के लिए व्यास घाटी के गुंजी, गर्ब्यांग, कुटी, नाभि आदि गांवों में गए हैं, वे भी मार्ग बंद होने से नहीं लौट पा रहे हैं। इसके अलावा सीमा पर तैनात सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी आवाजाही में मुश्किलें पेश आ रही हैं। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि सड़क खोलने के लिए लगातार काम चल रहा है।