पौड़ी: पौड़ी जिला प्रशासन ने रिखणीखाल और नैनीडांडा ब्लॉक के बाघ प्रभावित करीब 25 गांवों में शाम सात से सुबह छह बजे तक क्फूर्य लगा दिया है। साथ ही क्षेत्र में धारा 144 भी लागू है। बाघ को पकड़ने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पिंजरा लगा दिया गया है और उसे ट्रैंकुलाइज (बेहोश) करने के लिए टीम तैनात कर दी गई है। प्रशासन ने क्षेत्र में दिन के समय भी अकेले आवाजाही न करने की हिदायत जारी की है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग के आला अधिकारी प्रभावित गांव में डेरा डाले हुए हैं। सोमवार को डीएम डॉ. आशीष चौहान ने भी बाघ प्रभावित डल्ला गांव और सिमली तल्ली पहुंचकर ग्रामीणों, अधिकारियों से वार्ता की और हालात का जायजा लिया।
रिखणीखाल की ग्राम पंचायत मेलधार के डल्ला गांव (लड्वासैंण) में 13 अप्रैल की शाम खेतों में काम कर बीरेंद्र सिंह (73) को बाघ ने मार डाला था। तब से गांव के आसपास दो बाघों की मूवमेंट बनी हुई है। वन विभाग के ड्रोन सर्वे में भी इस बात की पुष्टि हुई है। इसके बाद करीब 25 किमी दूर स्थित नैनीडांडा के सिमली तल्ली के भैड़गांव पट्टी बूंगी में 15 अप्रैल की रात सेवानिवृत्त शिक्षक रणवीर सिंह नेगी (75) को बाघ ने मार डाला था। वन विभाग ने क्षेत्र में बड़ी संख्या में वन कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। ड्रोन कैमरे से भी पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है।
गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने क्षेत्रवासियों से सतर्कता बरतने और अनावश्यक बाहर न निकलने की अपील की है। मेलधार के प्रधान खुशेंद्र सिंह ने बताया कि दो बाघ गांव के आसपास बने हुए हैं। सोमवार को दिन में बाघ ने एक सांड पर हमले का प्रयास किया। एक बाघ गांव के पास ही नजर आया है, जबकि दूसरा बाघ करीब 100 मीटर की दूरी पर दिखाई दिया। सोमवार शाम चार बजे तक ट्रैंकुलाइज गन की रेंज से बाहर होने के कारण उसे बेहोश नहीं किया जा सका। वह पिंजरे के पास तक तो आ रहा है लेकिन अंदर नहीं जा रहा है। उधर, एडीएम इला गिरी ने बताया कि प्रभावित गांवों में शाम सात से सुबह छह बजे तक क्फर्यू लगाया गया है।
लैंसडौन विधानसभा के दो गांवों में दो लोगों को निवाला बनाने व दशहत का पर्याय बने बाघ को नरभक्षी घोषित कर उसे शूट करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। क्षेत्रवासियों ने विधायक लैंसडौन से हमलावर बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। कहा कि बाघ के कारण लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। पूरे क्षेत्र के लोग दिन ढलते ही घरों में कैद हो जा रहे हैं। लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो गई है।
कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसांई रावत व पूर्व प्रदेश महामंत्री रंजना रावत ने राज्य सरकार पर क्षेत्र की घोर अनदेखी का आरोप लगाया। कहा कि कार्बेट से निकलकर बाघ ने दो लोगों को निवाला बना लिया है। कई दिनों से बाघ क्षेत्र में घूम रहे थे, यदि समय से कार्रवाई की गई होती तो लोगों की जान बच सकती थी। कहा कि अब भी त्वरित कार्रवाई करते हुए हमलावर बाघ को नरभक्षी घोषित किया जाना चाहिए। कहा कि इन बाघों से अन्य लोगों पर हमले की आशंका बनी हुई है। मेलधार के प्रधान खुशेंद्र सिंह, सिमली के प्रधान सतेंद्र सिंह रावत, उमटा की प्रधान लक्ष्मी देवी व ग्राम प्रधान संगठन की ओर से भी हमलावर बाघ को नरभक्षी घोषित करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। विधायक दिलीप रावत ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के आतंक से निजात दिलाने के लिए हर संभव कार्रवाई के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि बाघ के हमले के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। प्रभावित क्षेत्र के लोगों में आक्रोश होना स्वाभाविक है।