प्रदेश में कांग्रेस में रारखत्म होने का नाम नहीं ले रही है! प्रदेश में पीसीसी सदस्यों की नियुक्ति पर कांगेस में विरोध तेज हो गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक चौहान के बाद अब पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने भी पीसीसी सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। मयूख का कहना है कि जो लोग अपने बूथ पर ही कांग्रेस को नहीं जिता पाए थे, उन तक को पीसीसी सदस्य का अहम पद दे दिया गया है। मयूख ने ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा भेजा है। संपर्क करने पर उन्होंने इसकी पुष्टि की। कहा कि पीसीसी में सदस्यों के चयन को लेकर वो सहमत नहीं है। जो लोग पात्र नहीं है, उन्हें तक पीसीसी बना दिया गया। इसी प्रकार विधायकों को पीसीसी सदस्य बनाने की भी जरूरत नहीं थी। विधायक तो नियमानुसार पीसीसी के विशेष आमंत्रित सदस्य होते ही हैं। महर ने कहा कि पीसीसी सदस्य का पद सामान्य पद नहीं होता। यदि किसी जमीनी और योग्य कार्यकर्ता को पीसीसी सदस्य बनाया जाता तो निसंदेह कांग्रेस को ही लाभ होता। मालूम हो कि17 सितंबर को पीसीसी सदस्यों की पहली बैठक के दिन से ही कांग्रेस में घमासान मचा है। आरोप लग रहे हैं कि पीसीसी सदस्य बनाने में कार्यकर्ताओं की निष्ठा और अनुभव के बजाए चहेतों और सिफारिशों को ही तरजीह दी गई। पूर्व नेता प्रतिपक्ष के बेटे अभिषेक चौहान ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वो पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता हैं। कई वरिष्ठ कार्यकर्ता पीसीसी सदस्य बनने से रह गए हैं। मेरी जगह किसी वरिष्ठ नेता को यह सम्मान दिया जाना चाहिए। कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए यह जरूर है कि वरिष्ठ और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी न हो। कांग्रेस के एससी विभाग के सचिव नेमचंद्र सूर्यवंशी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। लंबे समय से निष्कासित नेमचंद की कुछ समय पहले ही प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सूर्यवंशी की दोबारा वापसी कराई थी। नेमचद्र ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि वो वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से निराश हैं। क्या हम दरी बिछाने और झंडे उठाने के लिए ही है और सम्मान पाने के लिए चाटूकार लोग?
Narendra Singh
संपादक