पिथौरागढ़। चार मई से शुरू हो रही आदि कैलाश यात्रा को लेकर यात्रियों में अभी खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है। अब तक सिर्फ 102 यात्रियों ने ही इसके लिए हामी भरी है। उत्तराखंड और यूपी से किसी ने भी पंजीकरण नहीं कराया है।
मंडल विकास निगम की ओर से आयोजित आदि कैलाश यात्रा शुरू होने में सिर्फ 19 दिन ही शेष हैं। 102 यात्रियों ने नैनीताल स्थित सेंट्रल रिजर्वेशन सेंटर (सीआरसी) में यात्रा में जाने के लिए सहमति दी है। पंजीकरण कराने वालों में कोलकाता, गुजरात, दिल्ली और अहमदाबाद के यात्रियों की संख्या अधिक है।
यात्री चार मई को काठगोदाम से कैंचीधाम और जागेश्वर में दर्शन करने के बाद शाम को पिथौरागढ़ पहुंचेंगे। पांच मई की सुबह पिथौरागढ़ से धारचूला रवाना होंगे। यहां यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच होगी और उन्हें आगे की यात्रा के लिए पास जारी किए जाएंगे। आठ दिन की यात्रा में यात्रियों को सिर्फ तीन किमी पैदल ज्योलिंकांग से गौरीकुंड तक जाना होगा।
कुमाऊंनी भोजन परोसा जाएगा
पर्यटन विकास अधिकारी बची राम ने बताया कि यात्रियों की इच्छा पर उन्हें कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृहों में मडुवे की रोटी, गहत की दाल, झिंगोरे की खीर, पहाड़ी ककड़ी का रायता आदि परोसा जाएगा। उच्च हिमालयी क्षेत्र के आवास गृहों में दाल, चावल, रोटी, पनीर के साथ ही ताजी सब्जियां खिलाई जाएंगी।
केएमवीएन की टीम ने आवास गृहों का जायजा लिया
केएमवीएन की पांच सदस्यीय टीम ने उच्च हिमालयी क्षेत्र के यात्रा पड़ाव बूंदी, गुंजी, कालापानी और नाभीढांग जाकर पर्यटक आवास गृहों का जायजा लिया। धारचूला टीआरसी के प्रबंधक धन सिंह बिष्ट और निगम के जेई गिरीश चंद्र भट्ट ने बताया कि इस बार निचले क्षेत्रों में बर्फबारी कम होने से किसी भी आवास गृह को नुकसान नहीं पहुंचा है। कुछ स्थानों पर रंग-रोगन किया जाना है। कुटी-ज्योलिंकांग में बर्फ के चलते अभी सड़क बंद है। इस वजह से टीम ज्योलिंकांग नहीं पहुंच पाई।