पिथौरागढ़ जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं हैं। गर्भवती को जांच और प्रसव के लिए भी 50 से 100 किमी दूर महिला जिला अस्पताल पहुंचना पड़ता है। पांच लाख से अधिक की आबादी वाले पिथौरागढ़ जिले की महिलाएं स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला महिला अस्पताल पर निर्भर हैं। जिले के डीडीहाट, मुनस्यारी, गंगोलीहाट, बेड़ीनाग में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसके अलावा धारचूला में संयुक्त अस्पताल है। इसके बावजूद इन अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं हैं। धारचूला, मुनस्यारी, गंगोलीहाट और बेड़ीनाग ऐसे क्षेत्र हैं जहां से पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय की दूरी 80 से 100 किलोमीटर है। क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने पर गर्भवतियों को पहले जांच और अल्ट्रासाउंड के लिए और फिर प्रसव के लिए जिला अस्पताल ही आना पड़ता है। ऐसे में समय और धन दोनों की बरबादी होती है। सबसे अधिक समस्या प्रसव के दौरान होती है। सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने पर प्रसव के जटिल मामले होने पर रेफर कर दिया जाता है। इसके बाद एंबुलेंस से गर्भवती को 100 किमी दूर पिथौरागढ़ पहुंचना पड़ता है। कई बार आधे रास्ते में एंबुलेंस में ही प्रसव हो जाता है। इस संबंध में सीएमओ डॉ. एचएस ह्यांकी का कहना है कि विशेषज्ञ महिला चिकित्सक मिलने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया जाएगा।