धारचूला। सीमांत इलाकों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां कर धरातल पर काम शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान के निर्देश के बाद चिकित्सा विभाग ने टीमों को हेलीकॉप्टर से सीमांत तहसीलों में भेज दिया है। धारचूला-मुनस्यारी मार्ग बंद होने से अलग-थलग पड़े क्षेत्रों के लिए भी टीम रवाना कर दी गई है। बता दें कि अभी हाल ही में जिलाधिकारी ने जिले में वैक्सीनेशन को लेकर बैठक की थी। इस दौरान शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए टीमों को हेलीकॉप्टर से उच्च हिमालय भेजने के निर्देश दिए। इस निर्देश के तहत चिकित्सा विभाग ने टीमें भेज दी हैं। तहसील के उच्च हिमालयी व्यास घाटी के सात गांवों में वैक्सीनेशन के लिए दो टीमें रवाना हुई हैं। एक टीम अंतिम भारतीय गांव कुटी, गुंजी, नाबी, नपलच्यु, रोंगकोंग और दूसरी टीम बूंदी और गब्र्याग गांव में टीकाकरण करेगी। दूसरी उच्च हिमालयी व्यास घाटी के चौदह गांवों केक लिए चार टीमें भेजी गई है। एक टीम चीन सीमा पर स्थित अंतिम गांव सीपू और मार्छा में, दूसरी टीम बौन, गो और फिलम गांव में, तीसरी टीम सेला, चल, नागलिंग और बालिंग में और चौथी टीम तिदांग, ढाकर, दांतू, दुग्तू, और सोन में ग्रामीणों को टीका लगाएगी। चौदास घाटी के लिए दो टीमें रवाना की गई हैं। एक टीम ज्योति पंागू, धार पांगू, हिमखोला, छलमाछिलासों, सोसा, नियंगपस्ती, थानीधार, स्यंगस्यंग रे में तो दूसरी टीम सिर्खा, सिर्दाग, रूंग, बंबा और समरे में टीकाकरण करेगी। वहीं तहसील के निचले क्षेत्र में आपदा प्रभावित जुम्मा, रांथी और खेला गांव में एक-एक टीम भेजी गई है। इसके अलावा धारचूला क्षेत्र में नौ टीमें, बरम क्षेत्र में छह टीमें टीकाकरण कर रही है। दो टीमें गाला, जिप्ती, बुंगबंुग, तांकुल और मांगती में टीकाकरण कर रही हैं।
Narendra Singh
संपादक