सीमांत जिले पिथौरागढ़ के युवा धीरे-धीरे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों से वह न केवल सेहतमंद उत्पाद तैयार कर हैं बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ा रहे हैं। ऐसे ही युवाओं में शामिल हैं थल क्षेत्र के मदन उपाध्याय, जो बूरांश का जूस तैयार कर युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखा रहे हैं।
मदन ने स्वरोजगार के लिए उन्नति स्वायत्त सहकारी संघ का गठन किया। उन्होने आसपास उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी जुटाई और बुरांश को रोजगार का माध्यम बनाने का निर्णय लिया। मुनस्यारी, लामाघर, पमतोड़ी, भातड़ के जंगल में बहुतायत में होने वाले बुरांश के फूल से जूस निकालने की उन्होंने ट्रेनिग ली और अपनी मुहिम में जुट गए। उन्होंने अपने साथ तीन अन्य युवाओं को भी जोड़ा और थल में ही जूस बनाने की इकाई स्थापित की। मदन ग्रामीणों से बुरांश के फूल खरीद रहे हैं। स्वास्थ के लिए उत्तम माना जाने वाला बुरांश का जूस बाजार में 160 रुपये लीटर तक बिक रहा है। मदन ने बताया कि वह जितना जूस तैयार कर रहे हैं उसकी खपत स्थानीय बाजार में ही हो जा रही है। जल्द ही वह अपनी इकाई का विस्तार कर उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
राज्य के पर्वतीय जिलों में खिलने वाला बुरांश गहरे लाल रंग का होता है। वनस्पति शास्त्री डा.जेसी पंत के मुताबिक फूल की पत्तियों में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और आयरन पाया जाता है। बुरांश में एंटी हिपेरग्लिसेमिक गुण होता है। इससे रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। मधुमेह को नियंत्रित करने में भी यह सहायक है। क्वेरसेटिन, रुटीन, कौमारिक जैसे एक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं जो स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते हैं।