उत्तराखंड प्रदेश के पिथौरागढ़ अंतर्गत आने वाले गांव गलाती में फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर चार वर्ष तक प्रधान रहने का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी कार्यालय से पुलिस को तहरीर मिलने के बाद मामले के मुख्य आरोपी हरि राम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पंचायत में पद पाने के लिए एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर चार वर्ष तक प्रधान बनाकर गांव में राज किया। वहीं जब जांच की गई तो पता चला कि शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं। दरअसल इस संबंध में धारचूला निवासी हरी प्रसाद द्वारा जिलाधिकारी को तहरीर दी गई थी। जिसमें बताया गया था कि धारचूला अंतर्गत आने वाले गांव गलाती में हेमा देवी 2019 से प्रधान हैं लेकिन उसने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर चुनाव प्रणाली के साथ धोखाधड़ी की है। तहरीर देने वाले हरी प्रसाद ने बताया कि ग्राम प्रधान हेमा देवी द्वारा कक्षा 5 वीं और कक्षा 8 वीं के जाली प्रमाण पत्र बनवाकर निर्वाचन कार्यालय धारचूला और जिलाधिकारी कार्यालय पिथौरागढ़ को झूठी जानकारी दी गई थी। जिलाधिकारी कार्यालय से तहरीर पिथौरागढ़ पुलिस को प्राप्त हुई। जिस पर पुलिस के दिशा-निर्देशन में कोतवाली धारचूला में जांच से संबंधित हेमा देवी निवासी गलाती धारचूला, पुष्कर वर्मा निवासी बगीचा धारचूला और गायत्री विद्यामंदिर धारचुला के तत्कालीन प्रधानाचार्य के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया। मामले में मुख्य आरोपी प्रधान हेमा के पति हरि राम था। जिससे उसे भी गिरफ्तार किया गया। आरोपी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है जबकि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्रधान बनी हेमा की अब प्रधानी भी चली गई है। बता दें कि पंचायती राज विभाग द्वारा प्रधान बनने के लिए सामान्य वर्ग के 10वीं पास और एससीएसएटी के लिए 8 वीं पास अनिवार्य कर दिया है।