पिथौरागढ़। सीमांत जिले में लगातार खराब हो रहे मौसम के चलते अभी आदि कैलाश यात्रियों की राह आसान नजर नहीं आ रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्र कुटी से ज्योलिंकांग (14000 फुट) के बीच सड़क पर ग्लेशियर आए हैं। इन्हें अब तक बीआरओ हटा नहीं पाया है। यदि मौसम साफ भी रहा तो बर्फ को पिघलने में ही एक सप्ताह का समय लग सकता है।
कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से इस वर्ष चार मई से आदि कैलाश यात्रा शुरू की गई है। पूर्व में यह यात्रा भी कैलाश मानसरोवर के साथ ही एक जून से शुरू होती थी। तब तक उच्च हिमालय के अधिकतर क्षेत्रों में भी बर्फ पिघल जाती थी। इस वर्ष जनवरी-फरवरी में सीमांत जिले में मौसम साफ रहा और बारिश नहीं हुई। अब बेमौसमी बारिश और बर्फबारी के चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पहले दल के 19 यात्रियों को बगैर आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किए मायूस होकर लौटना पड़ा। अब दूसरे दल के 12 यात्रियों के सामने भी रास्ते का संकट बरकरार है। सूत्रों के अनुसार कुटी से ज्योलिंकांग के बीच 14 किमी की दूरी पर कई जगह ग्लेशियर आए हैं। इन्हें हटाकर रास्ता खोलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।