उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश के बाद मौसम खिल गया है। निचले क्षेत्रों से पहाड़ चांदी की तरह चमकते हुए नजर आ रहे हैं। बर्फबारी और बारिश के बाद तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है। लंबे समय बाद बारिश और बर्फबारी होने से लोगों को सूखी ठंड से राहत मिली है।धारचूला स्थित व्यास घाटी में एक सप्ताह में दूसरी बार हिमपात हुआ है। चीन सीमा लगे व्यास घाटी के सात गांव बूंदी, गर्ब्यांग,नपलचु, गुंजी, नाबी, रोगकांग और कुटी में रविवार रात 11 बजे से बजे से सोमवार दोपहर तक लगातार बर्फबारी हुई। दोपहर बाद मौसम खुलने के बाद बर्फबारी रुक गई है।गुंजी निवासी भूपेंद्र सिंह गुंज्याल ने बताया की एक हफ्ते में ये दूसरी बार बर्फबारी है। गांवों में चार से पांच इंच बर्फ और ओम पर्वत और आदि कैलाश में लगभग एक फुट से ज्यादा बर्फबारी हुई है।
पिथौरागढ़, कनालीछीना अस्कोट सहित कई अन्य हिस्सों में हुई बारिश के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्र पंचाचूली, हंसलिंग, नागनी धूरा, छिपलाकेदार, खलियाटॉप, बलांति में भी बर्फबारी हुई है। निचले क्षेत्रों में रूक-रूक कर बारिश हो रही है। बारिश और बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ गई है। नामिक के थाला बुग्याल में भी मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आदि कैलाश और ओम पर्वत में बर्फबारी के बाद सड़कों में वाहनों की आवाजाही घट गई है। सुरक्षा एजेंसियों के फोर बाई फोर वाहन ही आवाजाही कर रहे हैं। स्थानीय निवासी सुमित गुंज्याल ने बताया की नाभीढांग और ओम पर्वत में भी एक फुट से अधिक हिमपात हुआ है। वहीं सीमा सुरक्षा बल के जवान बर्फबारी में भी मुस्तैदी से सीमा की सुरक्षा में लगे हुए हैं।सीमांत जिले पिथौरागढ़ में लंबे समय से बारिश नहीं होने से किसान और काश्तकार परेशान थे। क्योंकि यहां सिंचाई के लिए अधिकतर किसान और काश्तकार बारिश पर ही निर्भर हैं। जिले भर में 42 हजार हेक्टेयर भूमि में खेती की जाती है। जिसमें सिर्फ 37 हजार हेक्टेयर में ही सिंचाई की सुविधा है। लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण रबी की फसल खराब हो रही थी। बारिश के बाद फसल के सहीं होने की उम्मीद है।
पिथौरागढ़ जिले में हुई बारिश का विवरण मिलीमीटर में
पिथौरागढ़- 7.00
देवलथल- 4.00
मुनस्यारी- 3.6
धारचूला-2.00
गंगोलीहाट-2.00
कनालीछीना- 1.50
तेजम- 1.00
थल- 1.00
डीडीहाट-0.8
बेड़ीनाग- 0.7
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में लंबे समय से बारिश नहीं होने से किसान और काश्तकार परेशान थे। क्योंकि यहां सिंचाई के लिए अधिकतर किसान और काश्तकार बारिश पर ही निर्भर हैं। जिले भर में 42 हजार हेक्टेयर भूमि में खेती की जाती है। जिसमें सिर्फ 37 हजार हेक्टेयर में ही सिंचाई की सुविधा है। लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण रबी की फसल खराब हो रही थी। बारिश के बाद फसल के सहीं होने की उम्मीद है।