देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में खामियां मिलने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। कैबिनेट मंत्री जोशी ने डॉक्टरों का अटेंडेंस रजिस्टर, ओपीडी का रजिस्टर भी चेक किया। उन्होंने सीएमएस यतेंद्र सिंह के अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की जानकारी ली, जिसमें सीएमएस डा. यतेंद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल में 29 डॉक्टरों की पोस्ट है जिसमें से 27 डॉक्टर उप जिला चिकित्सालय में नियुक्त इसमें से 7 डॉक्टर पीएचडी के लिए गए हुए हैं। चार डाक्टर सीएल लीव पर है और 3 डॉक्टर देहरादून में अटैच हैं। कहा कि पिछले 2 सालों से एएनएम के रिटायर होने के बाद अन्य की नियुक्ति नहीं हुई है जिससे टीकाकरण में भारी दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भारी कमी है जिस कारण अस्पताल को संचालन करने में भारी दिक्कत पेश आ रही है। कैबिनेट मंत्री जोशी ने स्वास्थ सचिव डॉ. राजेश कुमार और सीएमओ देहरादून को फोन कर तत्काल मसूरी के अस्पताल से देहरादून में अटैच डॉक्टरों का तत्काल अटैचमेंट खत्म कर मसूरी में नियुक्त करने के निर्देश दिए। पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव राजेश कुमार को अस्पताल को संचालित किए जाने को लेकर बजट की कमी ना हो इसको लेकर भी तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कैबिनेट मंत्री जोशी द्वारा मरीजों को दी जा रही दवा का भी जायजा लिया गया और उनके द्वारा कई मरीजों से बात भी की गई, जिस पर मरीजों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर तो है परंतु उनका सहयोग करने वाला पैरामेडिकल स्टाफ और साफ-सफाई के लिये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं है। मसूरी में पोस्टमार्टम के जाने को लेकर कर्मचारी का ट्रांसफर का कर दिया गया था जिसके बाद मसूरी में पोस्टमार्टम किए जाने की काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को तत्काल मसूरी में पोस्टमार्टम के लिए कर्मचारी की तैनाती करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री जोशी ने अस्पताल प्रबंधन को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने के भी निर्देश दिए। इसके बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए जोशी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि मसूरी और आसपास के क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।