पिथौरागढ़। मनरेगा में मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करने के विरोध में ग्राम प्रधान संगठन ने प्रदर्शन किया। इससे पहले संगठन के जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह सौन के नेतृत्व में ग्राम प्रधान कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां प्रदर्शन के बीच प्रधानों ने डीएम कार्यालय के माध्यम से केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने मांग पर अमल नहीं होने पर नौ जनवरी से मनरेगा और पंचायतीराज विभाग के कार्यों का बहिष्कार कर प्रत्येक विकासखंड में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। कहा कि मनरेगा में मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम को लागू कर दिया है जबकि उत्तराखंड के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। ग्राम प्रधानों और कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण दिए नई व्यवस्था को लागू कर दिया जा रहा है। कहा कि मनरेगा में ग्राम पंचायतों में 20 कार्य ही करने की बाध्यता को लागू कर दिया है। आरोप लगाया कि अब तक 15वें वित्त की राशि ग्राम पंचायतों को नहीं दी गई है जिससे ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना पर एक भी कार्य नहीं हुए हैं जबकि पंचायतीराज विभाग ने जनवरी तक आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना बनाने के आदेश जारी किए हैं।
उन्होंने ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि 10 हजार रुपये और ग्राम पंचायत आपदा निधि के रूप में 10 हजार रुपये देने की घोषणा को पूरी करने की मांग की।