नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पुणे दौरे पर हैं। आज वह डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज दुनिया में जल, थल और वायु के साथ-साथ साइबर और अंतरिक्ष से जुड़े खतरे सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संपर्क रहित युद्ध जैसे अवधारणाओं ने रक्षा क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकी की आवश्यकता को पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण बना दिया है। हमें बदलते परिवेश के साथ-साथ तकनीकी उन्नति की तरफ भी तेज़ी से बढ़ना है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हमने देखा है कि पूरी दुनिया में जितनी तेजी से बदलाव हो रहे हैं, उससे कहीं अधिक तेजी से युद्ध के तौर.तरीके बदल रहे हैं। राजनाथ ने कहा कि पारंपरिक युद्ध के खतरे तो हमारे सामने हैं ही, साथ ही उनसे आगे बढ़ते हुए अब बिलकुल नए प्रकार के खतरे हमारे सामने मंडराने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अब डीपीएसयू के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 928 घटकों की चौथी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की है, जिससे घटकों की कुल संख्या 4,666 हो गई है। इन घटकों को अब स्थानीय रूप से प्राप्त किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं रक्षा क्षेत्र को एक स्थिर झील की तरह नहीं, बल्कि एक बहती हुई नदी की भाँति देखता हूँ। जिस प्रकार एक नदी अपने सामने आई तमाम बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ती रहती है, वैसे ही हमें अपने सामने आई चुनौतियों से पार पाते हुए लगातार आगे बढ़ते रहना होगा।