देहरादून। अंकिता हत्याकाण्ड को लेकर जहां लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं इस मामले में अंकिता के परिजन अब भी न्याय के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। मामले को लेकर प्रदेश में सियासत भी गरमाई हुई है। तमाम राजनीतिक पार्टियां हत्याकाण्ड की सीबीआई जांच और वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग लगातार उठा रहे हैं। इस बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्र हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालते हुए लिखा कि अंकिता हत्याकाण्ड में वह वीआईपी कौन? जिसको खुश करने से इंकार का मूल्य जान देकर अंकिता को चुकाना पड़ा। यह सवाल आज अंकिता के मां.बाप का ही नहीं है, उत्तराखंड के प्रत्येक व्यक्ति का है और देश का प्रबुद्ध जनमानस भी उस नाम को जानना चाहता है! और सरकार क्या कार्रवाई कर रही है उसको भी जानना चाहता है। रावत ने आगे लिखा है कि मेरे संज्ञान में आया है कि 16 तारीख को वनंतरा रिजॉर्ट में एक व्यक्ति आए थे, जो दरमियानी कद के थे जिनके साथ पुलिस स्कॉट भी थी और उनके भी अपने कुछ बाउंसर थे। एसआईटी को यह जानकारी संबंधित लोगों ने दी है। मगर अब भी वह वीआईपी अदृश्य है! कोई तो खोजेगा उस अदृश्य व्यक्तित्व को जिसका उल्लेख वीआईपी के तौर पर अंकिता ने अपने मैसेज में किया है। फिलहाल पूर्व सीएम हरीश रावत के इस पोस्ट से हलचल बढ़ती दिख रही है।