देहरादून. 18 सितंबर को हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जांच कर रही SIT के हाथ आज भी उस वीआईपी गेस्ट से दूर हैं, जिसका जिक्र अंकिता ने अपने दोस्त पुष्प के साथ हुए व्हाट्सएप चैट में किया था. अंकिता ने साफ कहा था कि रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य उसको किसी वीआईपी गेस्ट के साथ फुल सर्विस देने की बात कर रहा है. अंकिता की हत्या के पीछे भी यही कारण सामने आया था. लेकिन, जांच कर रही SIT की जद से आज भी वह वीआईपी गेस्ट से दूर है जो हत्या का एक कारण माना जा रहा है.
इस मामले में ADG लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि जांच कर रही SIT हर पहलू पर काम कर रही है. अभी तक जानकारी के अनुसार, वन्नतरा रिजॉर्ट में कुछ कमरे ऐसे हैं जिनको वीआईपी स्वीट कहा गया है. इनमें ठहरने वाले लोगों को वीआईपी गेस्ट कहा जाता था, लेकिन जांच टीम अपना काम कर रही है. बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट में भी वीआईपी गेस्ट को लेकर भी हाईकोर्ट ने SIT से सवाल किए जिसके जवाब आज तक SIT के पास नहीं हैं. पूरा मामला जिस वीआईपी से शुरू हुआ था उसका अभी तक किसी भी प्रकार का सुराग SIT के पास नहीं है.
इसपर कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि पूरे मामले में लगता है कि जांच कर रही टीम के ऊपर भी सरकार की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है, इसलिए तो वीआईपी का आज तक SIT किसी भी प्रकार का खुलासा नहीं कर पा रही है. इस पूरे मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर देना चाहिए, जिससे जांच में किसी प्रकार का दबाव न हो. सरकार पर सवाल उठते ही कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि SIT जांच कर रही है और मामले में किसी भी प्रकार से कोई भी आरोपी नहीं छूट पाएगा.
बहरहाल, सवाल उठना अब लाजिमी है क्योंकि अंकिता की ह्त्या का कारण बना वीआईपी, अब भी जांच टीम की जद से दूर है. क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण हैं या कुछ और बात है, ये तो वक्त ही तय करेगा. लेकिन, अंकिता मामले में वीआईपी कहीं न कहीं SIT के लिए चुनौती तो बन ही गया.