पिथौरागढ़ के केएनयू जीआईसी के पास रमसा के लिए आवंटित किया गया भवन नशेड़ियों का अड्डा बना गया है। यहां नशेड़ियों ने तोड़फोड़ करते हुए भवन के अंदर रखी किताबें और रजिस्टर फाड़कर फैला दिए हैं। नशेड़ियाें ने जिस तरह की अराजकता की है उसे देखते हुए अगर किसी नशेड़ी ने नशे में इस भवन को आग लगा दी तो पूरे भवन के जलकर नष्ट होने का खतरा बना हुआ है।
केएनयू जीआईसी के पास नशेड़ियों का अड्डा बने भवन की पड़ताल की गई। इस दौरान पता चला कि पहले यह भवन सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालन के लिए आवंटित किया गया था। बाद में शिक्षा विभाग ने रमसा कार्यालय खोलने के लिए चार कमरों का भवन वापस ले लिया था। इसके बाद इस भवन के जीर्णोद्धार करने में आठ लाख रुपये खर्च किए गए। धन तो खर्च किया गया लेकिन इसमें रमसा का कार्यालय शुरू नहीं हो पाया। अराजक तत्वों ने भवन के दरवाजे, अलमारी, खिड़की सब तोड़ दिए हैं। भवन के अंदर सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू और शराब की बोतलें बिखरी हुई हैं। इस भवन में चुनाव के दौरान निर्वाचन विभाग तीन बूथ भी बनाता है। बच्चों के लिए तो न सही लेकिन शायद इस भवन की सफाई आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए करा दी जाए। पिथौरागढ़ के केएनयू जीआईसी के इस भवन में सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आई किताबें फाड़कर फेंकी गई हैं। इसके अलावा रजिस्टर सहित कई अन्य सामान भी बिखेर दिया गया है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।केएनयू जीआईसी में सुरक्षा की दृष्टि से छह सीसीटीवी लगाए गए थे। इनमें से एक सीसीटीवी को भी अराजक तत्वों ने चुरा लिया है। मुख्य स्थान पर लगा सीसीटीवी चोरी होने से अराजक तत्वों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं। केएनयू जीआईसी की स्थापना वर्ष 1928-29में हुई थी। उसके बाद से यहां पर नए भवन का निर्माण नहीं किया गया। विद्यालय के अधिकतर कमरों की छत से बरसात के दौरान पानी टपकता है। जिन कमरों की स्थिति ठीक है उनमें अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ कर कूड़ेदान बना दिया है। विद्यालय भवन में बच्चों के लिए आई निशुल्क किताबों और रजिस्टरों को अराजक तत्वों ने रद्दी बना दिया है। यहां अंदर रखे गए फर्नीचर तोड़कर जलाया गया है। इसके बाद भी विद्यालय प्रबंधन और शिक्षा विभाग की नजर आज तक इन पर नहीं पड़ी।