62 साल पूर्व आज के ही दिन पड़ोसी देश चीन के साथ कटुता के बाद उत्तराखंड की चीन सीमा से लगे अति दुर्गम दूरस्थ और उच्च क्षेत्र में 3 जिलों ने जन्म लिया था। 62 वर्ष गुजरने के बाद भी पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली की तकदीर में विशेष अंतर नहीं आया है ।तीनों जिलों की तस्वीर में अंतर आ चुका है परंतु पनिशमेंट का दाग बरकरार है ।विकास के नाम पर तो बहुत कुछ हुआ है लेकिन जन भावना के अनुरूप नहीं होने से धरातल पर समस्याओं का अंबार है ।24 फरवरी 1960 को चीन सीमा से लगे पिथौरागढ़ चमोली और उत्तरकाशी जिलों का गठन किया गया था परंतु बुनियादी सुविधाओं के अभाव में तीनों पहाड़ी जिलों से लोगों का पलायन बदस्तूर जारी है ।गांव में सड़क शिक्षा स्वास्थ्य संचार रोजगार के साधन नहीं है गांव तक विकास नहीं पहुंचने से एक गांव खाली होते जा रहे हैं गांव से पलायन की गति काफी तेज है। राज्य में नए जिलों की मांग जोर पकड़ती जा रही है, परंतु 60 साल पूर्व स्थापित जिलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव नए जिलों के गठन के बाद उनके विकास एवं लोगों की मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी के सपनों पर शक पैदा करता है।
Narendra Singh
संपादक