तवाघाट-लिपुलेख सड़क तम्पा मंदिर के पास पिछले छह दिन से बंद है। वहीं करीब 100 से अधिक लोग जान जोखिम में डालकर धारचूला पहुंचे जिसमें आदि कैलाश यात्री, सेना के जवान और स्थानीय लोग शामिल रहे। सड़क के बंद होने से सीमांत के ग्रामीणों और सुरक्षा एजेंसियों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। स्थानीय लोगों ने बीआरओ से सड़क जल्द खोलने की मांग की है।
तम्पा मंदिर के पास भूस्खलन से तवाघाट लिपुलेख सड़क शुक्रवार से बंद है। इस कारण लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। पिछले तीन दिनों में प्रशासन ने सेना के हेलिकॉप्टर से कुल 105 यात्रियों को रेस्क्यू किया है। हालांकि बुधवार को हेलिकॉप्टर से एक मात्र उड़ान में पांच लोगों को ही रेस्क्यू किया जा सका। इस पर पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है।
वहीं केएमवीएन धारचूला के प्रबंधक धन सिंह बिष्ट, मनीष मेहरा, अमिश महाजन, अभिषेक, अश्विनी, विवेक और गाइड सौम्या पाठक, नरेश, शेर सिंह आदि ने 27 यात्रियों को जान जोखिम में डालकर एक-दूसरे के हाथों का सहारा बनाकर सकुशल निकाला। यात्रियों ने सकुशल धारचूला पहुंचने पर निगम के सभी कर्मियों का आभार जताया।
तम्पा मंदिर के पास आवाजाही के समय आईटीबीपी और एसएसबी के जवान लोगों की लगातार मदद कर रहे हैं। हालांकि तम्पा मंदिर के पास पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने का खतरा बरकरार है। जरा से चूक लोगों को मौत के मुंह में डाल सकती है बावजूद इसके लोग आवाजाही कर रहे हैं।