परिवहन निगम का पिथौरागढ़ डिपो बसों की कमी से जूझ रहा है। डिपो की अधिकतर बसें खटारा हो गई हैं। बसों की कमी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। 14 बसों के एक साथ ऑफ रोड होने से बसों की कमी हो गई है। यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसें नहीं मिल रही हैं।
बृहस्पतिवार को परिवहन निगम की बसों को लेकर पड़ताल की गई। पड़ताल के दौरान पता चला कि पिथौरागढ़ डिपो की 10 बसें पिथौरागढ़ और चार बसें टनकपुर वर्कशॉप में खड़ी हैं। इस कारण बसों की काफी कमी हो गई है। यात्रियों को दिल्ली, देहरादून,बरेली, टनकपुर सहित कई अन्य स्थानों पर जाने के लिए बसें नहीं मिल पा रही हैं। रोडवेज स्टेशन पर यात्रियों भारी भीड़ लगी हुई थी। यात्री गृह के भरने के बाद लोग स्टेशन के बाहर बसों का इंतजार करते रहे। बारिश होने से कई यात्री भीग गए। परिवहन निगम यात्रियों को दिक्क्त न हो इसलिए लंबा सफर तय कर पिथौरागढ़ पहुंची बसों को तत्काल लंबी दूरी के लिए भेज रहा है। ये बसें आधे रास्ते पर खराब हो रही हैं। लोगों ने सरकार से परिवहन निगम को 50 नई बसें उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि यात्रियों को राहत मिल सके। परिवहन निगम की खटारा बसें चलते-चलते रास्ते में खराब हो रही हैं। धारचूला से सेराघाट होते हुए दिल्ली के लिए निकली परिवहन निगम की बस संख्या यूके07पीए4186 बिलासपुर के पास खराब हो गई। इससे बस में बैठे 38 यात्रियों को गर्मी में परेशानी हुई। इससे पूर्व गंगोलीहाट से दिल्ली जा रही रोडवेज बस संख्या यूके07पीए3201 और पिथौरागढ़ से गुड़गांव जा रही बस संख्या यूके07पीए4274 भी रास्ते में खराब हो गई। इसके बाद भी सरकार को परिवहन निगम की बदहाली नहीं दिख रही है। परिवहन निगम के पास वर्तमान में 58 बसों का बेड़ा है। इनमें से 14 बसें ऑफ रोड हो गई हैं। डिपो के पास मात्र 44 बसें बची हैं। इस कारण बसों की कमी हो गई है। लंबे समय से डिपो से शासन को 50 नई रोडवेज बसें उपलब्ध कराने को लेकर प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इसके बाद भी नई बसें नहीं भेजी जा रही हैं।