नगर क्षेत्र में एक ओर लोग पेयजल संकट जूझ रहे हैं वहीं कई जगहों पर पानी बर्बाद हो रहा है। पेयजल किल्लत के चलते लोगों को रोस्टर के हिसाब से एक दिन छोड़कर पानी मिल रहा है। लीक नलों को ठीक कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिला मुख्यालय में पिछले एक महीने से पेयजल संकट बना हुआ है।
प्रतिदिन 13 एमएलडी मांग के सापेक्ष विभिन्न योजनाओं से महज 7.50 एमएलडी पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों को भी पानी दिया जा रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते पानी भी दूषित आ रहा है। नगर में कई जगहों पर उपभोक्ताओं के संयोजन लीक हुए हैं। संबंधित उपभोक्ता भी अपने नलों को ठीक कराने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। जल संस्थान भी पानी की बर्बादी को रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठा रहा है।
कोआपरेटिव बैंक के पास गांधी चौक को जाने वाले रास्ते में एक संयोजन काफी दिनों से लीक चल रहा है। एक संयोजन में छत पर रखी टंकी से पानी ओवर फ्लो होकर रास्ते में गिर रहा है। सिमलगैर से पुरानी बाजार जाने वाले रास्ते में भी संयोजन से पानी लीक होकर रास्ते में बह रहा है। नगर के कई मोहल्लों में ऐसे दर्जनों संयोजन हैं जिनसे पानी की बर्बादी हो रही है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।