पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील मुख्यालय से सात किमी की दूरी पर स्थित खुमती ग्राम पंचायत के लोग तीन साल से आपदा के दंश झेल रहे हैं। तीन हजार से अधिक की आबादी को बारिश में सबसे अधिक मुश्किल होती है। संपर्क मार्ग तक बारिश में बह जाते हैं। गांव के एक छोर से दूसरे तक जाने के लिए बने पैदल पुल बारिश के तेज बहाव में बह जाते हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में आपदा के चलते गांव के कई महत्वपूर्ण आंतरिक संपर्क मार्ग और पुल पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए थे। तब से ग्रामीणों के साथ ही स्कूली बच्चों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें जान जोखिम डालकर आवाजाही करनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि मानसून काल में खुमती गाड़ उफान पर आ जाता है। संपर्क मार्ग ध्वस्त होने से गांव का हर एक क्षेत्र कट जाता है। गांवों तक पहुंचने के लिए लकड़ी के पुलों का निर्माण तो किया जाता है लेकिन आपदा में सभी पुल तिनके की तरह बह जाते हैं। इन हालातों में ग्रामीणों के लिए जरूरी सामग्री घर तक लाना मुश्किल हो जाता है।